मैं भारत देश हूँ विश्व शांति का स्वधर्म निभाउंगा
सत्य अहिंसा धर्म न्याय शांति का पाठ पढ़ाऊंगा
लेकिन मुझको उकसाया तो विकराल रूप दिखलाऊंगा
तहस नहस करके दुश्मन को सबक उसे सिखलाऊँगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
बस दोस्त मुझे कहकर देखो में रिश्ते सभी निभाउंगा
घड़ी तुम्हारी संकट की मैं अंत तक साथ निभाउंगा
आँख उठाकर जो देखा अग्नि प्रचंड बन जाऊँगा
अभिमान भरा यह सर तेरा उस अग्नि में सुलगाउंगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
विश्व गवाह है अंग्रेजों को कैसे मार भगाया था
तैमूर लंग गौरी गजनी को सीमा पार भगाया था
भूल से भी मेरी धरती को न छूने का प्रयत्न करो
एक इंच भी लांघा अगर तो ईंट से ईंट बजाऊंगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
फिर कहता हूँ सोच समझकर मुझसे आँख मिलाना तुम
ज़मींदोस्त हो कर के न फिर मुझ पर दोष लगाना तुम
एक बार और जो भड़काया शोले शोले कर जाऊंगा
आखिर अपने धैर्य पर मैं कब तक संयम रख पाउँगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
युद्ध से कोई हल निकले यह कहाँ आज तक हो पाया
वो मुर्ख जो इसमें ख़ाक हुए ज़रा पूछ उन्होंने क्या पाया
फिर भी अगर तमन्ना है तो धुल में तुझे चटाउँगा
पुश्तें तेरी याद रखेंगी ऐसा सबक सिखाऊंगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
चल मिल बैठें बात करें और राह तरक्की की पकड़ें
विश्व की हम से आशाएं चल सबको अचंभित हम कर दें
हठधर्मी तज और बात मान नहीं बार बार समझाऊंगा
तेरे टुकड़े टुकड़े कर के मैं लहू तेरा पी जाऊँगा
हर नापाक इरादे को मैं नेस्तोनाबूत कर जाऊँगा
वर्षों बाद मैंने आखिर एक पुत्र यशश्वी पाया है
लौहपुरुष इस युग का है सन्देश विकास का लाया है
हाथ थाम कर मैं अब इसका आसमान छू जाऊँगा
सोने की चिड़िया कभी था मैं अब साक्षात दिखलाऊंगा
वसुधैव कुटुंबकम के व्रत को मैं ‘नमो’ ‘नमो’ अपनाउंगा
मैं भारत देश हूँ विश्व शांति का स्वधर्म निभाउंगा
कमज़ोर मुझे अब मत समझो मैं सर्वनाश कर जाऊँगा