देश करे आह्वान उठो सब जन गण हिंदुस्तान के
छोडो जात धर्म के झगड़े बोलो जय हिन्द शान से
नयी सोच से बदले सपने अपने हिंदुस्तान के
देश करे आह्वान उठो सब जन गण हिंदुस्तान के
क्या हिन्दू क्या मुस्लिम होता क्या तेरा क्या मेरा
सूरज समान चमकता करता सबका दूर अँधेरा
देश प्रेम सबसे ऊपर है कहो सभी अभिमान से
देश करे आह्वान उठो सब जन गण हिंदुस्तान के
शत्रु कुटिल नित साजिश रचता कैसे हमको तोड़े
नहीं सफल होगा गर हम सब वैर आपस का छोड़ें
भाई चारा कायम रखें करें प्रेम इंसान से
देश करे आह्वान उठो सब जन गण हिंदुस्तान के
सजग देश की सीमा पर तैनात हमारे वीर
नित जान दांव पर रखते कि अभिन्न रहे कश्मीर
मातृभूमि की खातिर हम भी खेल जाएंगे जान पे
देश करे आह्वान उठो सब जन गण हिंदुस्तान के
जय जवान जय किसान रहे जय जय हिंदुस्तान
जय मानवता की सेवा करते हिन्द सपूत महान