हर दिन नया है सुकूं ही सुकूं है
तेरे सजदे में लगी जब से दिल की लगन
रात नयी हैं बात नयी है
लगते अपने सभी हैं
कायनात नयी है
नयी राह जीने की मुझे मिल गयी है
तेरे सजदे में लगी जब से दिल की लगन
क्या होता है क्यों होता है
बेहतर है जो भी होता है
न शिकवे न शिकायतें न सवालात हैं
तेरे सजदे में लगी जब से दिल की लगन
तू मिल गया है सब मिल गया है
मुझ में रहे तू है बस यही आरज़ू
रंगीन दुनिया अब मेरी हो गयी है
तेरे सजदे में लगी जब से दिल की लगन
ऐसा लगता है जन्नत मिल गयी है
तेरे सजदे में लगी जब से दिल की लगन