इस दशहरे दहन करें हम भीतर के रावण का
बुद्धि हमारी भ्रष्ट करे अपमान नर नारायण का
अपने घर का कूड़ा कचरा फेंकें रोज़ पडोसी पर
साफ़ सफाई अपने तक चाहे शहर रहे बीमारी का घर
ऐसी बुरी लतों को छोड़ें रहे सम्मान जन गण का
इस दशहरे दहन करें हम भीतर के रावण का
बुद्धि हमारी भ्रष्ट करे अपमान नर नारायण का
पानी और हवा को हमने दूषित कर के छोड़ दिया
अगली पीढ़ी की खातिर सोचो क्या हमने छोड़ दिया
खुदगर्जी की सोच छोड़ कर सोचें जन गण का
इस दशहरे दहन करें हम भीतर के रावण का
बुद्धि हमारी भ्रष्ट करे अपमान नर नारायण का
सोचो कब तक न सोचोगे बड़ी सोच करके सोचो
बर्बादी पर जो सोचा तो सोचो क्या सोचा सोचो
पृथ्वी सबका घर अधिकार सामान जन गण का
इस दशहरे दहन करें हम भीतर के रावण का
बुद्धि हमारी भ्रष्ट करे अपमान नर नारायण का