तुम क्या जानो?

दिल में दबे जज्बात हैं कितने क्या समझो तुम क्या जानो
तुमसे कितने ख्वाब सजे तुम क्या समझो तुम क्या जानो

बातों बातों में तौबा जो पलकों को झपकाती हो
माथे पर बालों की लट को हौले से सुलझाती हो
और शरारत करूँ जो तुमसे छुईमुई बन जाती हो
मेरा दिल ले जाती हो तुम क्या समझो तुम क्या जानो

दिल में दबे जज्बात हैं कितने क्या समझो तुम क्या जानो
तुमसे कितने ख्वाब सजे तुम क्या समझो तुम क्या जानो

रंग तुम्हारे काजल का काली रातों से आया है
अम्बर से आँचल पर जैसे तारों को जड़वाया है
चेहरा इतना नूरानी है देख चाँद भी जलता है
इसके नूर में खोया हूँ तुम क्या समझो तुम क्या जानो

दिल में दबे जज्बात हैं कितने क्या समझो तुम क्या जानो
तुमसे कितने ख्वाब सजे तुम क्या समझो तुम क्या जानो

नाज़ुक नरम कलाई में पहनो कंगन मेरे नाम के तुम
इन हाथों की मेहँदी में बस लिखो मेरा नाम सनम
आँखों में जो ख्वाब सजे वो ख्वाब बनें हम दोनों के
जाने क्या दिल सोचता है तुम क्या समझो तुम क्या जानो

दिल में दबे जज्बात हैं कितने क्या समझो तुम क्या जानो
तुमसे कितने ख्वाब सजे तुम क्या समझो तुम क्या जानो

जी चाहे तुम पास रहो और रहूँ देखता तुमको मैं
झलक तुम्हारी पाने को रहता हूँ सदा तरसता मैं
दिन का आलम क्या होगा जिस दिन तुम बस मेरी होगी
शायद जन्नत जैसी होगी तुम क्या समझो तुम क्या जानो

दिल में दबे जज्बात हैं कितने क्या समझो तुम क्या जानो
तुमसे कितने ख्वाब सजे तुम क्या समझो तुम क्या जानो

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