मैं हूँ भारत माता मेरे बच्चे कई करोड़
ये हैं मेरी ताक़त रोकेंगे हर हमला
आज भले हों नशे में सोये
खुदगर्जी मस्ती में खोये
जागेंगे एक रोज तो रोकेंगे हर हमला
जात पात में खून बहाते
भ्रष्टाचार में धन उड़ाते
निकलेंगे दलदल से फिर रोकेंगे हर हमला
कालेधन की शान दिखाते
मंदिर मस्जिद पर लड़ जाते
सुधरेंगे एक रोज तो रोकेंगे हर हमला
देश पर हो जब संकट भारी
सैनिक की बस जिम्मेदारी
रखेंगे सरोकार तो फिर रोकेंगे हर हमला
नेता संसद चलने न दें
जब देखो धरने पर बैठें
बदलेंगे शायद एक दिन तो रोकेंगे हर हमला
चार निठल्लों को बैठाकर
ऊल जुलूल बस कराते
मीडिया होगी ठीक तो रोकेंगे हर हमला
बहन बेटियों को हैं नौंचते
माँ का सीना छलनी करते
बदलेंगे संस्कार तो फिर रोकेंगे हर हमला
नई सोच पर जाग रही है
नयी पीढ़ी उत्साह भरी है
रखेगी माँ का मान तो फिर रोकेगी हर हमला
होगी यह संतान निराली
माँ का कर्ज चुकाने वाली
मुझको है उम्मीद कि ये रोकेंगे हर हमला
मैं हूँ भारत माता मेरे बच्चे कई करोड़
ये हैं मेरी ताक़त ये रोकेंगे हर हमला