हमारा प्यारा देश भारत भारत का तिरंगा प्यारा
सुन्दर रूप इसका बड़ा प्यारा लगता है
भिन्न धर्म भिन्न भाषा भिन्न सबकी वेशभूषा
सदियों की संस्कृति प्यारी लगती है
मेरा गाँव मेरा देश चूल्हा चौका बर्तन
लीपा हुआ आँगन बड़ा प्यारा लगता है
सरसों की पीली फसल हरे लहलहाते खेत
फूलों की वो क्यारी बड़ी प्यारी लगती है
सर्द ऋतू नरम धूप ममता सम मीठी लगे
दौर वो रजाईयों का प्यारा लगता है
गर्मियों के जलते हुए सूरज की तपिश में
मटके वाली कुल्फी बड़ी प्यारी लगती है
काले घन शीतल हवा बूंदों की सुहानी झड़ी
मस्त सावन का महीना प्यारा लगता है
पहली बारिशों की बूंद तपी धरती पर गिरे
महक मनभावन बड़ी प्यारी लगती है
नन्ही अठखेलियों में कभी रोएँ कभी हँसे
अलबेला बचपन बड़ा प्यारा लगता है
नानी की कहानियों में नित परियों से मिलन
शादी गुड्डे गुड़ियों की प्यारी लगती है
गोरी गोरी गोरियों की मनवा बातों में खोये
प्रेम का प्रसंग बड़ा प्यारा लगता है
सावन में पड़े जो झूले सखियों संग पींग भरें
सजना की याद बड़ी प्यारी लगती है
ज़िन्दगी है धूप छाँव सुख दुःख दोनों संगी
दुःख तो दुःख सुख प्यारा लगता है
दुःख की घडी में यदि साथी गर नेक मिलें
दौड़ धूप ज़िन्दगी की प्यारी लगती है