घर बैठुंगा कल से शायर हो जाऊँगा
यारो मैं कल से रिटायर हो जाऊंगा
ऑफिस ने रुतबा आत्मसम्मान दिया
रूपया प्रतिष्ठा और बहुत ज्ञान दिया
बिन हवा गाड़ी का टायर हो जाऊंगा
यारो मैं कल से रिटायर हो जाऊंगा
अधिकांश जीवन यहाँ पर बिताया
टारगेट भी जीते मित्रधर्म भी निभाया
गीली लकड़ियों की फायर हो जाऊंगा
यारो मैं कल से रिटायर हो जाऊंगा
याद आते हैं दिन जब मौज मनाते थे
काम के संग संग जोक भी सुनाते थे
एसीआर ख़तम अब सटायर हो जाऊंगा
यारो मैं कल से रिटायर हो जाऊंगा
साथ रहे आप मैं बस शुक्रिया कहूंगा
नयी राह चला हूँ अब अलविदा कहूंगा
फाइलों मैं बंद दिलों से बाहर हो जाऊंगा
यारो मैं कल से रिटायर हो जाऊंगा
“इज़्ज़तें , शोहरतें , चाहतें , उल्फतें,
कोई भी शै दुनिया में रहती नहीं
यह एक दौर है कल कोई और होगा
आज मैं हूँ, जाने वाला कल कोई और होगा”