एक पिता की अभिलाषा. .

इतनी प्रतिभा मत दो प्रभु स्टार मिलेनियम बन जाऊं
बेटा रह जाये अभिषेक मैं अमिताभ बच्चन हो जाऊं

सुन लो अरज मेरी यह भगवन बार बार मैं दोहराऊं
प्रतिभा इतनी नहीं चाहिए अमिताभ बच्चन हो जाऊं

बेटा  होवे   सनी   देओल   गर मैं  धर्मेंदर बन जाऊं
सुपरस्टार   कहलाये   वो  मैं कलाकार ही हो जाऊं
गुण   कुणाल   के   मत देना  गोस्वामी ही रह जाऊं
भारत   का   सूरज   डूबे   प्रभु मैं सहन न कर पाऊं

सुन  लो अरज मेरी यह भगवन बार बार मैं दोहराऊं
प्रतिभा इतनी नहीं चाहिए अमिताभ बच्चन हो जाऊं

बेटा हो सलमान खान सा गर मैं सलीम सा लिख पाऊं
फरहान नहीं बनाना उसको जो मैं जावेद सा बन जाऊं
संजय   दत्त   बना   देना  उसे मैं सुनील दत्त कहलाऊँ
अवगुण  से   पर   उसे बचाना  कहीं  शर्मिंदा हो जाऊं

सुन लो अरज मेरी यह भगवन बार बार मैं दोहराऊं
प्रतिभा इतनी नहीं चाहिए अमिताभ बच्चन हो जाऊं

राज   कपूर  सा  बेटा  चमके पृथ्वीराज मैं कहलाऊँ
उसे  बनाना   ऋषि  कपूर  कुछ तो गर्व मैं कर पाऊं
कुमार सरीखा मत करना कहीं गौरव ढूंढता रह जाऊं
मेहनत  जाए  पानी  में  और  मैं  राजिंदर  बन  जाऊं

सुन लो  अरज मेरी यह भगवन बार बार मैं दोहराऊं
प्रतिभा इतनी नहीं चाहिए अमिताभ बच्चन हो जाऊं

अभिलाषा यह एक पिता की हो आज्ञा तो कह जाऊं
हरिवंश  सा वरदान  मुझे  दो  पुत्र  से पहचाना जाऊं
चाह  नहीं  मेरी  टूटे  कुकर  का   ढक्कन  कहलाऊँ
बेटे को प्रभु सफल बनाना उस पर गर्व मैं कर पाऊं

सुन लो अरज मेरी यह भगवन बार बार मैं दोहराऊं
प्रतिभा इतनी नहीं चाहिए अमिताभ बच्चन हो जाऊं

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