आज का पन्ना मैं पढ़कर सोया हूँ
सबक कौन सा कल पढ़ाएगी तू
किन नए लोगों से मैं कल मिलूंगा
क्या नए तोहफे दे जायेगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
मुकाम कोई ऊंचा हासिल करूँगा
या कमाल कर के दिखाऊँगा मैं
अपनी कहानी का हीरो बनूँगा
या साइड हीरो रह जाऊंगा मैं
बॉस से मेरे सिफारिश लगाकर
मुझको प्रमोशन दिलाएगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
एक हमसफ़र की हमको चाहत है
दिन अब तनहा कटते नहीं हैं
यार सब जब से सेटल हो गए हैं
चेहरे भी सालों के दिखते नहीं हैं
एक प्यारी लड़की से मुझको मिलकर
क्या मुझको हैरां कर जायेगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
बीवी के रहने को घर एक चाहूँ
तनख्वाह मगर इस काबिल नहीं है
घर का किराया है बहुत ज़्यादा
बिजली पानी इसमें शामिल नहीं हैं
‘आनंद निवास’ नाम घर का रखा है
क्या ऐसा घर मुझको दिलाएगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
घर जो ऑफिस से दूर मिला तो
ड्यूटी पर लेट हो जाऊंगा मैं
वीकेंड पे बीवी को शॉपिंग कराने
पिक्चर दिखाने ले जाऊंगा मैं
स्कूटर खटारा पुरानी हुई है
गाड़ी चार पहिया दिलाएगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
मोबाइल लैपटॉप टीवी वगैरह
ज़िक्र मैंने इनका किया नहीं है
ये सब तो खुद ही दिलवाएगी तू
तोहफे छोटे छोटे गिनते नहीं हैं
चार्जिंग का खर्चा मैं खुद करूँगा
और बोझ कितना उठाएगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू
आज का पन्ना मैं पढ़कर सोया हूँ
सबक कौन सा कल पढ़ाएगी तू
किन नए लोगों से मैं कल मिलूंगा
क्या नए तोहफे दे जायेगी तू
ऐ ज़िन्दगी मेरे कानों में कह दे
क्या खेल मुझे कल खिलाएगी तू