अपनी यह सामर्थ्य कहाँ कि उनको साथ रखें
उनका ख्याल रखें या भोजन उनको दें
पापा बड़े हैं घर के उनको प्यार हम करते हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके संग रहते हैं
बचपन से अब तक उनके साये में जीते रहे
वो घना पेड़ जैसे उनकी छाया में रहते रहे
अब क्या बदल गया है हम अब भी वैसे हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके संग रहते हैं
अपने मन की बातें हमसे नहीं बताते हैं
एहसान बहुत हैं उनके कभी नहीं जताते हैं
कम बोला करते हैं वो ज्यादा सहते हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके संग रहते हैं
प्यार करें किसको किसके साथ में रहते हैं
ये सवाल उनके व्यक्तित्व को छोटा करते हैं
ऐसी व्यर्थ की बातों पर वो बस हंस देते हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके सग रहते हैं
प्यार ही धन है उनका बाकी सब माया है
धन दौलत से वर्ना किसने क्या कब पाया है
अनमोल हैं वे सब बातें जोअनुभव से कहते हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके संग रहते हैं
अपनी यह सामर्थ्य कहाँ कि उनको साथ रखें
उनका ख्याल रखें या भोजन उनको दें
पापा बड़े हैं घर के उनको प्यार हम करते हैं
वो अपने साथ नहीं हम उनके संग रहते हैं