Posted on June 23, 2021 पतंग उमंग थी तरंग थीमलंग थी मैं संग थीजब डोर तेरे हाथ थीमैं उड़ती पतंग थी अब न संग तू बेरंगसब रंग हैं मैं दंग हूँछूटा तेरा संग अब मैंकटी एक पतंग हूँ AdvertisementLike this:Like Loading...