धन के आगे गुणों का महत्त्व नहीं
तकनीक के समक्ष प्रकृति गौण है
चाकू से अक्सर हाथ कट जाता है
तरबूजा चाकू पर गिरे या हो उल्टा
कटेगा तरबूज ही, यह कहा जाता है
चाकू तकनीक है प्रकृति तरबूज
नीम के पोधे ने हिम्मत दिखाई
बढ़ता हुआ ऊंचाई छूने लगा
नासमझी और बालहठ के चलते
सड़क की लालबत्ती को ढकने लगा
अपनी छोटी जीत पर जहाँ
बालक पेड़ बहुत खुश था
उसको कहाँ मालूम था कि
मशरूफ ज़माना नाखुश था
उसकी इस हिमाकत का
संज्ञान लिया जाता है
सर कलम कर दो इसका
आरे को हुक्म दिया जाता है
आखिर चाकू से हमेशा
आखिर चाकू से हमेशा
हाथ ही क्यों कट जाता है