फलसफा

दावा है कि सोचकर किया जाए वो प्यार नहीं है
अजी प्यार तो बस प्यार है कोई व्यापार नहीं है
सच है लेकिन प्यार ख्वाब नहीं एक हकीकत है
सिर्फ अहसास ही नहीं है यह एक ज़रुरत भी है
किसी वादे से पहले यार हमें यह सोचना होगा
कि ज़माने से लड़कर जी पाना क्या आसां होगा
जो ख्वाब साथ देखे हैं जब इनकी तामील होगी
बेरहम दुनिया में खुश रहना ज़रा मुश्किल होगा
नज़र बचते ही पल में जहां इरादे बदल जाते हैं
सिक्कों के आगे जहाँ ज़ज़्बात सिमट जाते हैं
होती है रुतबे से बस पहचान आदम की जहाँ
ऐसे आलम में रिश्ते कहाँ दूर तलक जाते हैं
तुम निभाओगी हर वादा मुझको इंकार नहीं है
सच का मारा हुआ है दिल अभी तैयार नहीं है
हर ख़ुशी दुनिया की क़दमों पे तुम्हारे होगी
जब मेरे हाथ मेरी मुश्किलों की चाबी होगी
अलग दुनिया से एक नयी दुनिया बसायेंगे हम
हक़ तुम्हारे सभी और जिम्मेवारी मेरी होगी
है मेरा फलसफा भर यह कोई तकरार नहीं है
मुहब्बत से तुम्हारी सनम मुझे इंकार नहीं है

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