खट रहा हूँ में थक रहा हूँ
दीवारों पे खोपड़ी पटक रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ
मैं नवाब था गुरु था रुआब चार सू
उँगलियों पे बीवी की नच रहा हूँ
बोलूं अगर चाय ला बोले मुझे भी पिला
चीनी पत्ती उसमें जरा कम डालना
लंच अगर चाहिए पति परमेश्वरजी
सब्जी बस बनाऊं रोटी तुम पकाना
बीवी के तानों से पक रहा हूँ
ऑनलाइन लंच आर्डर कर रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ
जब मूड सही हो सिर्फ मैगी बनाये वो
उसका भी वीडियो सब को दिखाए वो
तुम जो नौकरी करो तो जॉब है मेरी सुनो
ऐसा कह के घर के काम करवाए वो
त्रिशंकु सा मैं लटक रहा हूँ
आधा हूँ अधूरा भटक रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ
आरजू जगे अगर तो बोले हाथ थामकर
सॉरी बाबा आज अपना मूड नहीं है
बाहर जो फिसले नज़र पड़े मुमताज पर
डांटे ऐसे जैसे अपना वज़ूद नहीं है
हाथ के हथोड़े पटक रहा हूँ
घूंट खुद के लहू के गटक रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ
पंख कटे पंछी सा खजूर में अटका
टकटक आसमान तक रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ
मैं था दिल का राजा दिल दे कर मैं हारा
जिंदगी की पटरी से रपट रहा हूँ
मैं कांचा कंवारा पति बेचारा
शादी होने की सजा भुगत रहा हूँ