(A tribute to the stray dogs)
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
वह पहरा दे रात को और मैं जागूँ दोपहरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
देखो हमारी आँखें जो रात में हैं चमकती
हिलती पूंछ हमारी देखो हर खतरा समझती
हर आहट पर हम जग जाते नींद न अपनी गहरी
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
क्या मजाल हमारे होते कोई चोर घुस आवे
मीलों दौड़ाएं उसको घोड़े की माफिक भागे
चारों खाने चित कर दें मिमियाए ज्यों बकरी
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
बिन पगार सेवा करते हैं घमंड नहीं हम करते
बचा हुआ तुम्हारा खाकर मस्ती में हैं जीते
स्वामी भक्ति की मिसाल हम कुत्तों से ही ठहरी
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
हमको अपना ले मानव हमें साथ तेरे रहना है
पीढ़ी दर पीढ़ी तेरी सेवा करते रहना है
हमसे है सुरक्षा और ही शोभा तेरे शहर की
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
हमसे होती मुलाक़ात पहली हर अजनबी की
मैं कालू हूँ मैं जैकी और यह है भूरी संतरी
रात के प्रहरी हम हैं रात के प्रहरी
डॉगी एकता ज़िंदाबाद
हम कुत्ते डेरिंगबाज़