वो आयी वो चली गयी
घर आँगन महका कर
हम को अपना बनाकर
खुशियां हर सु बिखराकर
वो आयी वो चली गयी
कहने को कुछ पल रही
कण कण में बस रही
चप्पा चप्पा नाम लिखाकर
वो आयी वो चली गयी
संग अपने उसकी यादें हैं
लौट आने के उसके वादे हैं
मन को एहसास दिलाकर
वो आयी वो चली गयी
हालांकि वो तनहा गयी
दुनिया खाली कर गयी
सन्नाटा पसरा कर
वो आयी वो चली गयी
ख़ुशियों की एक पेटी है
घर की लाड़ली बेटी है
हमको धनवान बनाकर
वो आयी वो चली गयी
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