तेरी राह मुझ तक आती तो है
तेरी मंज़िल नहीं मैं मगर
आशना दिल मेरा तुझ पे है
जैसे गुंचा किसी डाल पर
मेरे तसव्वुर को है काफी यही
देख लेते हैं तुझे एक नज़र
खुदा सलामत रखे जहाँ तू रहे
ग़म का साया भी न हो तेरे सर
यहीं से होगी कहानी फिर शुरू
जा रहे हो जहां से छोड़ कर
आज राहें हुई हैं अलग
कल मिलूंगा इसी मोड़ पर