कुछ सुनना चाहता हूं।
कुछ कहना चाहता हूं।
सुख दुख में तेरे संग।
मैं रहना चाहता हूं।
कहासुनी ना हो।
इसलिए मेरे बच्चे।
उदगार मेरे दिल के।
तुझसे कहना चाहता हूं।
तू फूल है खिला।
किसी और के बगीचे का।
किस्मत से तूने मेरा।
आंगन सजाया है।
तेरी हंसी तेरी खुशी।
खिली रहे सदा।
तुझे खेलते हुए हमेशा।
मैं देखना चाहता हूं।
कुछ तू हमें समझना।
कुछ हम समझेंगे तुम्हें।
यूं ही मिल जुलकर।
अब चलना है हमें।
तुम जैसी हो वैसी ही
रहना मेरे बच्चे।
बदलो जरा भी तुम।
मैं नहीं चाहता हूं।
फिकरे जिंदगी से।
अब निजात चाहता हूं।
भागता रहा उम्र भर।
अब ठहरना चाहता हूं।
मांगी दुआओं की न
वाजिश मेरी जिंदगी।
तेरी मासूमियत मैं
मैं जीना चाहता हूं।