खो देता हूं धो देता हूं बात बात पर रो देता हूं
इसकी उसकी चुगली गोभी सबकी खोद देता हूँ
मैं धोऊँ उनका गमछा वो बॉस मेरे मैं गमछा
उसको हमेशा घेर के रखूं बॉस की बुद्धि फेर के रखूं
कोई परिंदा पर मारे तो पंख साले के नोच के रख दूँ
दे डालूं पानी खर्चा मैं ठहरा बॉस का चमचा
दिन को अगर वो रात बताए बत्ती बुझाऊं रात कर दूँ
रविवार को बुधवार बताये तो ऑफिस सबको बुलवा लूँ
मैं सेवक हूँ सच्चा मैं हूँ | बॉस का चमचा
सर दर्द में मैं बाम बनूँ दरी बनूँ जो आये उबासी
खुजली में मल्हम बन जाऊं चुक न हो जरा सी
समझ न मुझ को कच्चा मैं हूं बॉस का चमचा