कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
अपर क्लास और लोअर क्लास
के बीच में पिसता रहता है कॉमन
सुबह जो पानी न आये तो
बिन नहाये ऑफिस जाए
टिफ़िन अगर तैयार नहीं तो
भूखा काम पे लग जाए
चौक पे खड़े भिखारी का वो
ख्याल हमेशा रखता है
कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
कम तनख्वाह का रोना रहता
टैक्स अदा वो करता है
सिस्टम पर झल्लाते हुए
सीधे रस्ते चलता है
शहर गाँव परिवार समाज
ख्याल सभी का रखता है
कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
रीत रिवाज और तीज त्यौहार
यही है इनका ठेकेदार
बाज़ारों में भीड़भाड़
इनसे होती है सरकार
ज़द्दोज़हद आपाधापी में
धुआं धुआं जलता है
कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
जीवन की जब शाम ढले वह
खुद को बूढ़ा पाता है
अपनों का ही बिसराया
तनहा समय बिताता है
सुनने वाला कोई न हो तो
खुद से बातें करता है
कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
कॉमन मैन ये है कॉमन मैन
संघर्ष करता रहता है
अपर क्लास और लोअर क्लास
के बीच में पिसता रहता है